संबंधों में 11 अवास्तविक (या अस्वस्थ) अपेक्षाएँ (भाग-2)

यह ब्लॉग 'संबंधों में 11 अवास्तविक (या अस्वस्थ) अपेक्षाओं' का दूसरा भाग है।
यहाँ हम किसी भी प्रेम संबंध (पति-पत्नी, मंगेतर, गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड या कोई भी प्रेमी जोड़े) में अवास्तविक (या अस्वस्थ) अपेक्षाओं के क्र.# 6 से 11 पर चर्चा करेंगे। अगर आपने # 1 - 5 नहीं पढ़े हैं, तो इस ब्लॉग को पहले पढ़ें: *संबंधों में 11 अवास्तविक (या अस्वस्थ) अपेक्षाएँ (भाग-1)*

6. आपके जीवनसाथी को हमेशा माफी मांगनी चाहिए

किसी चर्चा में आप सही हों या गलत, क्या आप यह अपेक्षा रखते हैं कि हर बार आपका जीवनसाथी आपसे माफी मांगे? किसी जोड़े के बीच झगड़ा होने पर ‘कौन गलत था’ से ज्यादा मायने रखता है रिश्ते को बरकरार रखना और इसके लिए सॉरी कहने में कोई बुराई नहीं है। यह अहंकार से जुड़ा विषय है, जो किसी भी संबंध के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। इसलिए, अगर आप सही हैं तो भी कभी-कभी सॉरी कहने में कोई हर्ज नहीं है।

यह तय किया जाए कि पहले से ही यह तय कर लिए जाये की हमेशा पहले सॉरी कौन कहेगा। यह आप दोनों की आपसी समझ और परिस्थिति पर निर्भर करता है कि आप या आपके जीवनसाथी में से कौन सॉरी कहता है और संबंध बनाए रखने का दायित्व निभाता है।

7. आपका जीवनसाथी आपको हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दे

क्या आप यह अपेक्षा रखते हैं कि आपका जीवनसाथी हर समय आपके सामने मौजूद रहे? उनकी अपनी जिंदगी है और किसी समय उनकी अन्य प्राथमिकताएँ भी हो सकती हैं। संभव है कि जब आपको उनकी जरूरत हो, उसी समय उनकी कोई जरूरी बिजनेस मीटिंग हो या वे किसी प्रियजन की सेवा कर रहे हों, जिन्हें उस समय उनकी ज्यादा जरूरत हो।

मैं आपके जीवनसाथी को यह बोल रहा हूं कि वो आपको उनकी प्राथमिकता के सबसे निचले पायदान पर रखें। लेकिन अगर आप अपने जीवनसाथी की सबसे पहली प्राथमिकता हों, तब भी ऐसा हो सकता है कि जब आपको उनकी जरूरत हो, उसी समय उन्हें कोई और काम करना पड़े। अगर कभी-कभी ऐसा होता है तो इसे सहजता से लिया जाना चाहिए!

8. आपके जीवनसाथी को आपकी हर मुश्किल हल करना चाहिए

यह बहुत ही अच्छी बात है अगर आपका जीवनसाथी आपको समझता है और आपकी समस्याओं को प्राथमिकता देकर उन्हें सुलझाता है। लेकिन सबकी अपनी सीमा होती है। आपका जीवनसाथी भी एक साधारण इंसान ही है। जरूरी नहीं है कि वे आपकी हर समस्या को सुलझा  सके। हो सकता है कि उनके पास उसके लिए समय या क्षमता न हो

आपको अपने जीवनसाथी से अपनी समस्याओं के बारे में बात ही नहीं करनी चाहिए। लेकिन साथ-साथ आपको यह भी समझना चाहिए कि अगर किसी भी कारण से वे आपकी समस्या हल न कर पा रहें हैं तो आप अपनी समस्या सुलझाने के लिए किसी एक्स्पर्ट या अपने दोस्तों या परिवार में से किसी की सहायता ले सकते है।

9. आपके जीवनसाथी को आपसे वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसा आपके सबसे अच्छे दोस्त के जीवनसाथी उनसे करते हैं

दूर के ढोल सुहाने लगते है।” अगर आप अपने जीवनसाथी से वैसा ही व्यवहार चाहते हैं जैसा आपके दोस्त उनके जीवनसाथी के साथ करते है तो यह बहुत ही अव्यावहारिक और अवास्तविक अपेक्षा होगी। सभी लोग संबंध अपने-अपने ढंग से निभाते हैं। याद रहे कि आपके संबंध की किसी दूसरे के संबंध के साथ तुलना नहीं की जा सकता। तुलना संबंधों को ख़राब कर देती है। साथ ही, दूसरे के जीवनसाथी को आपके जीवनसाथी से ज्यादा अच्छा बताना आपके जीवनसाथी के आत्मसम्मान को ठेस भी पहुँचा सकता है।

आप अपने साथी को अपनी कोई पसंद न बताएँ। हम सब चाहते हैं कि हमारा जीवनसाथी हमसे हमारी पसंद के अनुसार व्यवहार करे। किसी और का उदाहरण देने के बजाय आप अपने जीवनसाथी से चर्चा कर सकते हैं कि आप उनसे ‘इस खास तरह का व्यवहार’ चाहते हैं क्योंकि ‘आपको यह पसंद है’, न कि इसलिए क्योंकि ‘कोई और’ वैसा कर रहा है।

10. आपके जीवनसाथी को हमेशा आपके प्रियजनों (परिवार/दोस्त/रिश्तेदार) का ध्यान रखना चाहिए

यह संबंधों, खासकर शादीशुदा जोड़ों के बीच होने वाले टकराव की आम वजह है। हममें से अधिकांश लोग यह चाहते हैं कि हमारा जीवनसाथी हमारे परिवार और प्रियजनों का ध्यान रखे, जो सामान्य अपेक्षा है। लेकिन यह तब अवास्तविक बन जाती है जब:

केस 1: आप हमेशा अपने जीवनसाथी से यह अपेक्षा करते हैं, लेकिन उनके अपने जरूरी काम हो सकते हैं, जिनकी वजह से वे हर बार सबका ध्यान न रख पाते हों

केस 2: आप उनसे तो उम्मीद रखते हैं कि वे आपके प्रियजनों का ध्यान रखेंगे, लेकिन आप उनके प्रियजनों का ध्यान नहीं रखना चाहते है

कोई भी किसी के प्रियजनों का ध्यान न रखे। एक-दूसरे के परिवार और प्रियजनों का ध्यान रखना किसी भी संबंध में प्रमुख भूमिका निभाता है (खासकर भारत में)। इस जिम्मेदारी को ठीक से निभाना आपके आपसी विश्वास को बढ़ाता है और संबंधों को मजबूत बनाता है।

11. जब भी आप चाहें आपके साथी को सेक्स के लिए तैयार होना चाहिए

बीमारी के कारण, या घर या उनके कार्यस्थल पर अत्यधिक काम करने के कारण कोई दिन आपके साथी के लिए अत्यधिक व्यस्त हो सकता है। और कभी-कभी वे किसी अन्य कारण से शारीरिक या मानसिक रूप से ठीक नहीं भी हो सकते हैं। यदि आप उम्मीद करते हैं कि आपका साथी जब चाहे तब आपके साथ शारीरिक संबंधों के लिए तैयार होगा, और यदि वे ‘नहीं’ कहते हैं तो आप चिंतित और निराश महसूस करते हैं। यह भी अवास्तविक अपेक्षा का एक संकेत है।

आप अपने साथी के साथ सेक्स के बारे में कल्पना करना बंद कर दें या उन्हें अंतरंग होने के लिए कहना बंद कर दें या हर बार अपनी रुचि दिखाने से पहले अपने साथी के मूड की जांच करें। बेशक, ‘कभी-कभी’ ऐसा हो सकता है कि आपका साथी ‘मूड’ में न हो। अगर ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं, तो आपको अपने साथी से बात करने और किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने की ज़रूरत है। लेकिन अगर ऐसी चीजें बहुत नियमित नहीं हैं और किसी मौजूदा ‘अस्थायी’ स्थिति के कारण हो रही हैं, तो आपको यह जांचने की आवश्यकता हो सकती है कि क्या आप उम्मीदें उचित हैं

और भी बहुत-सी अवास्तविक (या अस्वस्थ) अपेक्षाएँ है जो किसी को भी अपने जीवनसाथी से हो सकती है। मैंने उस सूची की 11 मुख्य अपेक्षाओं में से ५ इस ब्लॉग में लिखी है।
निम्नलिखित प्रश्नों के बारे में सोचें:
1. क्या आपको या आपके साथी को अतीत में कभी कोई अवास्तविक अपेक्षाएँ रहीं है?
2. क्या आपको या आपके साथी को वर्त्तमान में कोई अवास्तविक अपेक्षा(ऐं) है जो आपके सम्बन्धों पर असर डाल रही है
3. आप इन अवास्तविक अपेक्षाओं से छुटकारा पाने के लिए क्या उपाय कर रहे है?

हमें नीचे कमेंट्स सेक्शन में जरूर बताएँ।

To read this blog in English, click this link: 11 Unrealistic (or Unhealthy) expectations in a relationship – Part 2